जेटली ने लिए १० बड़े फैसले - GST में हुए बड़े बदलाव जानिये क्या हुआ आप पर असर

माल और सेवा कर परिषद (जीएसटी) परिषद आज 22 वीं बैठक आयोजित करती है ताकि एमएसएमई के लिए रिटर्न दाखिल चक्र और निर्यातकों को तेजी से रिफंड को आराम करने पर विचार किया जा सके। बैठक में नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता की गई।

बैठक के मुख्य फैसले इस प्रकार हैं:

१.      निर्यातकों को राहत देने के संबंध में, यह घोषणा की गई थी कि जुलाई और अगस्त के महीने में रिटर्न का भुगतान अनुक्रिया १० अक्टूबर और १८ अक्टूबर से किया जाएगा।
२.      अप्रैल २०१८ को प्रत्येक निर्यातक के लिए एक ई-वॉलेट बनाया जाएगा जिससे कि उनके रिटर्न की वापसी की प्रक्रिया को कम किया जा सके
३.      मासिक फाईलिंग के बजाय तिमाही रिटर्न अर्जित करने के लिए १.५ करोड़ रुपये तक का कारोबार।
४.      समाधान योजना का लाभ लेने के लिए व्यवसायों को समाधान योजना के लिए सीमा ७५ लाख से बढ़ाकर १ करोड़ कर दी गई है।
५.      निर्माणी और रेस्तरां समाधान योजना के तहत क्रमश: १ प्रतिशत, प्रतिशत और ५ प्रतिशत का भुगतान करेंगे
६.      गैर-ब्रांडेड नंदकेन, बिना ब्रांडेड आयुर्वेदिक दवाओं, हाथ से बने यार्न, आईसीडीएस खाद्य पैकेज, खार्क चपाती, रबर, प्लास्टिक और पेपर से प्राप्त कचरे सहित २७ वस्तुओं को ५ प्रतिशत स्लैब के तहत लाया गया है।
७.      ५०,०००/- रुपये से अधिक के आभूषण खरीदने वाले व्यक्ति को पैन कार्ड और आधार कार्ड विवरण प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है।
८.      रत्न, आभूषण और अन्य उच्च मूल्य वाले सामानों में काम करने वाली व्यापारिक संस्थाएं और उसका 2 करोड़ रुपये से अधिक का वार्षिक कारोबार अब धन शोधन अधिनियम के दायरे में नहीं होगा।
९.      रिवर्स चार्ज की GST को ३१ मार्च २०१८ तक रोक दिया गया है | क्युकी इस की वजह से gst में पंजीकृत व्यापारियों ने गैर पंजीकृत व्यापरियों से माल लेनाबंद ही कर दिया था | जिस से छोटे व्यापारियों के व्यापार पर बुरा असर पड़ा था | हम इस फैसले का स्वागत करते हैं
१०.  ट्रांसपोर्टर अपंजीकृत व्यक्तियों को सेवाएं प्रदान नहीं कर रही थी और कई मामलों में माल परिवहन के लिए GSTIN का अनुरोध किया था। अब ट्रांसपोर्टर के लिए परिवहन सेवाएं मुहैया कराने के लिए किसी भी GSTIN की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे छोटे और मझोले व्यापारियों की कठिनाईयां कम हो जाएँगी।





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